मेरे आँगन की चिड़िया फुदक फुदक कर मुझे रिझा गयी, आज वो उड़कर अपनी नयी दुनिया बसा गयी | बचपन मैं वो जो खेलती गुड़िया से मेरी गुड़िया थी, हाथों मैं उसकी खनकती कई कई चूड़ियां थी, खनखनाती वो कंगना…
रेशमी मखमली कम्बलों में, मुझे नींद नहीं आती है, मुझे तो माँ की साड़ी से बनी, रूई की रजाई ही भाती है | ओढ़ कर रजाई को जब मैं सो जाती हूँ, खुद को माँ के आलिंगन मैं पाती हूँ,…
एक दिन पूछा मेरी बेटी ने मुझसे, माँ आपको अपनी माँ की याद नहीं आती, कभी नहीं देखा रोते क्या उनकी याद, नहीं सताती | मैंने उसको पास बिठाया बड़े प्यार से, उसे समझाया, जब मैं सुबह तुझे जगाती हूँ,…