ना जाने वो कौनसी मनहूस घड़ी थी, जब दरिंदो की नज़र उस पर पड़ी थी ! सजा कर कईं अरमान अपने दिल में वो, जन सेवा करने को डॉक्टरी भी उसने पढ़ी थी, ना जाने वो कौनसी मनहूस घड़ी थी,…
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काश मैं ऐसा कर पाती, काश मैं ऐसा कर पाती | शादी की भागादौड़ी में काश मैं ऐसा कर पाती, पास बिठाकर के तुझको तेरे बालों को सहला पाती, जड़ कर चुम्बन तेरे माथे पर दिल का फ़्रेम सजा पाती,…
माँ के गुजरने के बाद ये पहली छुट्टियाँ हैं मेरी। मैं सोच रही थी न जाने अब भाई बुलाएगा या नहीं,अब माँ के बिना घर मे मन लगेगा या नहीं। ये ही हुआ शाम को ही भाई का फ़ोन आया…
कुछ दिन की तू , मेरे घर में मेहमान है, उड़ जाएगी संग पिया के, तेरे लिए खुला आसमान है, कुछ दिन की तू, मेरे घर में मेहमान है। महकता है तुझसे ही,मेरा ये आँगन, शमा है तू मेरे घर…
मेरे आँगन की चिड़िया फुदक फुदक कर मुझे रिझा गयी, आज वो उड़कर अपनी नयी दुनिया बसा गयी | बचपन मैं वो जो खेलती गुड़िया से मेरी गुड़िया थी, हाथों मैं उसकी खनकती कई कई चूड़ियां थी, खनखनाती वो कंगना…