Category: Social

व्यथा

व्यथा

रुका रुका सा मेरा शहर मुझे अच्छा नहीं लगता ! सहमा सहमा सा हर आदमी मुझे अच्छा नहीं लगता ! दूर दूर क्यों मुझसे मेरे सारे अपने है, बंद क्यों सबकी आँखों के सपने है, खेलता कूदता था जो बच्चा,…

कर ले विश्वास

माना राह कठिन है तेरी, मंज़िल तुझसे दूर है, संग है तेरे अपने सारे, फिर क्यों तू इतना आतुर है ! कहदे खुलकर तू हमसे, मन में जो भी बात है, कोई भी हालात हो, हम तो तेरे साथ है,…

प्यारी प्रिया

ना जाने वो कौनसी मनहूस घड़ी थी, जब दरिंदो की नज़र उस पर पड़ी थी ! सजा कर कईं अरमान अपने दिल में वो, जन सेवा करने को डॉक्टरी भी उसने पढ़ी थी, ना जाने वो कौनसी मनहूस घड़ी थी,…

चंद्रयान

ऐ चाँद तू सच में, चितचोर है ! इसलिए ही दूर से प्यार करती तुझे चकोर है ! जो आया करीब तेरे, वो तुझ में ही समा गया ! प्राणदाता था जो चंद्रयान का, तू उसको ही रुला गया !…

सलामी

सलामी

करो सब तनकर सलाम, मेरे देश के जवानों को, डटें हैं जो समझ के घर अपना, सरहदों के मकानों को, रहें महफूज़ मेरे देश का हर कोना, महसूस करो इनके इन बयानों को, करो सब तनकर सलाम, मेरे देश के…

शहादत

आज हर हिंदुस्तानी के दिल में गम जरूर होगा| आज हर भारतीय की आँखों का कोना नम जरूर होगा| हुआ जो शहीद वतन पर, वो किसी का तो सपूत होगा| सुहाग था किसी का, किसी के आँगन की धूप था|…

काश मैं ऐसा कर पाती

काश मैं ऐसा कर पाती, काश मैं ऐसा कर पाती | शादी की भागादौड़ी में काश मैं ऐसा कर पाती, पास बिठाकर के तुझको तेरे बालों को सहला पाती, जड़ कर चुम्बन तेरे माथे पर दिल का फ़्रेम सजा पाती,…

माँ का एहसास

माँ के गुजरने के बाद ये पहली छुट्टियाँ हैं मेरी। मैं सोच रही थी न जाने अब भाई बुलाएगा या नहीं,अब माँ के बिना घर मे मन लगेगा या नहीं। ये ही हुआ शाम को ही भाई का फ़ोन आया…

बेटी की विदाई

कुछ दिन की तू , मेरे घर में मेहमान है, उड़ जाएगी संग पिया के, तेरे लिए खुला आसमान है, कुछ दिन की तू, मेरे घर में मेहमान है। महकता है तुझसे ही,मेरा ये आँगन, शमा है तू मेरे घर…

सब्र

सब्र

तेरे संग कुछ इस तरह, रिश्ता निभा लिया मैंने, दिल में इक तहखाना, बना लिया मैंने, तेरे सारे दिए दर्द को, दबा लिया मैंने, तेरे संग कुछ इस तरह, रिश्ता निभा लिया मैंने | ना तू मुझको जान पाया, या…

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