Author: Kavita Tanwani

शहादत

आज हर हिंदुस्तानी के दिल में गम जरूर होगा| आज हर भारतीय की आँखों का कोना नम जरूर होगा| हुआ जो शहीद वतन पर, वो किसी का तो सपूत होगा| सुहाग था किसी का, किसी के आँगन की धूप था|…

काश मैं ऐसा कर पाती

काश मैं ऐसा कर पाती, काश मैं ऐसा कर पाती | शादी की भागादौड़ी में काश मैं ऐसा कर पाती, पास बिठाकर के तुझको तेरे बालों को सहला पाती, जड़ कर चुम्बन तेरे माथे पर दिल का फ़्रेम सजा पाती,…

माँ का एहसास

माँ के गुजरने के बाद ये पहली छुट्टियाँ हैं मेरी। मैं सोच रही थी न जाने अब भाई बुलाएगा या नहीं,अब माँ के बिना घर मे मन लगेगा या नहीं। ये ही हुआ शाम को ही भाई का फ़ोन आया…

बेटी की विदाई

कुछ दिन की तू , मेरे घर में मेहमान है, उड़ जाएगी संग पिया के, तेरे लिए खुला आसमान है, कुछ दिन की तू, मेरे घर में मेहमान है। महकता है तुझसे ही,मेरा ये आँगन, शमा है तू मेरे घर…

सब्र

सब्र

तेरे संग कुछ इस तरह, रिश्ता निभा लिया मैंने, दिल में इक तहखाना, बना लिया मैंने, तेरे सारे दिए दर्द को, दबा लिया मैंने, तेरे संग कुछ इस तरह, रिश्ता निभा लिया मैंने | ना तू मुझको जान पाया, या…

आज की नारी

ये आज की नारी है बंधु , सब कुछ ये कर जाएगी। उड़ने को दो पंख अगर, छूकर आसमाँ आयेगी, गर्तो में दो चाहे डुबा , चुनकर मोती लाएगी, ये आज की नारी है बंधु ,सब कुछ ये कर जाएगी।…

पाप की पीड़ा

कहाँ थी तुम माँ , जब मैंने तुम्हे पुकारा था, आयीं नहीं तुम माँ , जब मैंने तुम्हे पुकारा था | चोट खाकर जब मैं आती थी, तुमने इक फूँक से दर्द उतारा था, कहाँ थी तुम जब खून बहा…

उलझन

उलझन

भागते है रास्ते या भागता है इंसान, कुछ समझ नहीं आता, क्या चाहता है इंसान | वक़्त के दरख़तों पर यादें कईं कईं है, कुछ पड़ी धुँधली कुछ यादें नयी नयी है, आशाओं के पुलिंदे फिर भी बांधता है इंसान,…

मेरी बिटिया

मेरे आँगन की चिड़िया फुदक फुदक कर मुझे रिझा गयी, आज वो उड़कर अपनी नयी दुनिया बसा गयी | बचपन मैं वो जो खेलती गुड़िया से मेरी गुड़िया थी, हाथों मैं उसकी खनकती कई कई चूड़ियां थी, खनखनाती वो कंगना…

रुई की रजाई

रेशमी मखमली कम्बलों में, मुझे नींद नहीं आती है, मुझे तो माँ की साड़ी से बनी, रूई की रजाई ही भाती है | ओढ़ कर रजाई को जब मैं सो जाती हूँ, खुद को माँ के आलिंगन मैं पाती हूँ,…

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